मेरा फ़िसल जाना
मेरा फ़िसल जाना, उस बारिश का करतूत था. हवा का रूख, जमी की ढलान और भीगी सड़कें, सब एक साथ थे. बरसात पर एक रोमांचक कविता .
मेरा फ़िसल जाना, उस बारिश का करतूत था. हवा का रूख, जमी की ढलान और भीगी सड़कें, सब एक साथ थे. बरसात पर एक रोमांचक कविता .
अगर बात नहीं कर सकते, तो कुछ शब्द छोड़ जाओ.
मैं खुद को तुमसे जोड़ लूँगी.
(एक बिछड़ते हुए प्रेमिका अपने प्रेमी से क्या कहती है इस भावुक कविता में पड़े.)
मैं खुद को तुमसे जोड़ लूँगी Read More »
Poetryतुम एक ग्रंथ हो, जहां से कहानियां बहुत निकलतीं हैं,
मैं उन कहानियों में उलझ जाता हूँ, तुम्हारे घर का रास्ता भूल जाता हूँ …
इन अक्षरों में तेरा
अक्स नज़र आता है,
दूर ही सही हर लम्हा
मेरे करीब नज़र आता है.
(कुछ मित्र ऐसे होते है जो दूर रहकर भी मित्रता की परिभाषा को साबित कर देते है )
तेरा अक्स नजर आता है Read More »
Poetry