INSIDE ME

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो---रामधारी सिंह दिनकर हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव तुम्हारा एक दिन एक जीवन के समतुल्य है
सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो---रामधारी सिंह दिनकर हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव तुम्हारा एक दिन एक जीवन के समतुल्य है

" इन शब्दों की उम्र हमारी उम्र से भी लंबी है,
मनोभावों से निर्मित इन शब्दों की श्रृंखला,
पहाड़ों से ऊँची और समंदर से भी गहरी है..."

--- आर पी यादव

इनसाइड मी Insideme
हर व्यक्ति के अन्दर एक और व्यक्ति रहता है

Insideme

हर व्यक्ति के अंदर एक और व्यक्ति रहता है. बाहर का व्यक्ति मेरा भौतिक शरीर है जो दुनिया को दिखता है, किन्तु अंदर के व्यक्ति का कोई अलग से भौतिक शरीर नहीं है, लेकिन उसका अस्तित्व है. उसे हम अंतरात्मा भी कह सकते हैं. भीतर का व्यक्ति, बाहर के व्यक्ति से ज्यादा न्यायसंगत, निस्वार्थ और यथार्थ होता है. जब कभी बाह्य व्यक्ति कोई गलत कार्य करता है, तो अंदर का व्यक्ति उसे रोकता है, टोकता है और संकेत देता है. यही वजह है कि किसी व्यक्ति द्वारा किए गए गलत कार्य का उसे एहसास जरूर होता है. वह बाह्य रूप से इसे इनकार कर सकता है, किन्तु अंदर से नहीं.

इस पोर्टल पर लिखी गई कविताएँ, कहानियाँ और संदेश हमारे अंदर के दूसरे व्यक्ति की आवाज हैं.

यह मेरा व्यक्तिगत दर्शन है और इसे हर व्यक्ति पर थोपा नहीं जा सकता. इस वेबपेज का नाम Inside Me (www.insideme.in) इसी थीम पर लिया गया है.”

 

“इनसाइड मी” मुख्य रूप से जीवन की भावनात्मक घटनाओं का एक संकलन है। मेरा मानना है कि कविताएँ व्यक्ति की भावनाओं की अभिव्यक्ति का एक माध्यम हैं। ये भावनाएँ शब्दों में, चित्रों में, वीडियो में, या अन्य किसी भी माध्यम में हो सकती हैं। जब व्यक्ति की भावनाएँ शब्दों के माध्यम से एक विशेष विधा के अंतर्गत व्यक्त होती हैं, तो वे कविताएँ कहलाने लगती हैं।

भावनाएँ केवल साहित्य के ज्ञानी लोगों में ही उत्पन्न होती हैं, ऐसी कोई शर्त नहीं है। हाँ, यह जरूर है कि ऐसे लोग अपनी अभिव्यक्ति को बेहतर साहित्यिक रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं, जिससे उन्हें एक विशिष्ट पहचान मिलती है। यह अलग बात है कि उनकी क्लिष्ट रचनाएँ कुछ ही पाठक पढ़ पाते हैं और आम व्यक्ति उन्हें पढ़ नहीं पाता। इसका यह अर्थ नहीं है कि सामान्य, कम पढ़े-लिखे, या अनपढ़ लोगों में भावनाओं का ज्वार नहीं उठता। तो फिर क्या करेंगे वे लोग, जिन्हें भाषा नहीं आती, लेकिन भावनाएँ आती हैं? उन्हें उनके स्तर की भाषा चाहिए, जिसे वे पढ़ सकें और व्यक्त भी कर सकें। यहाँ पर व्यक्त कविताएँ और रचनाएँ उन्हीं पाठकों की आवाज हैं।

निश्चित रूप से, मेरे द्वारा लिखे गए इन शब्दों में साहित्यिक त्रुटियाँ हो सकती हैं, किन्तु व्यक्त भावनाएँ त्रुटिहीन हैं। मेरे लिए भावों की प्रमुखता ज्यादा महत्वपूर्ण है। ये वही चित्र हैं, जो अक्सर व्यक्ति के मन में उभरते हैं। कोई इन्हें बोल लेता है, कोई लिख लेता है, और कोई इन्हें मन में दबा लेता है। यह जरूरी नहीं है कि यहाँ प्रस्तुत रचनाएँ सभी को पसंद आएँ, लेकिन वे निश्चित रूप से उन्हें पसंद आएँगी, जिनकी भावनाएँ मन में दबी हुई हैं। ये रचनाएँ उन्हीं के शब्द हैं।

यदि ये अभिव्यक्तियाँ आपकी भावनाओं को व्यक्त कर रही हैं, तो यह मेरे लिए पुरस्कार है। आपकी प्रशंसा मुझे ऊर्जा प्रदान करेगी और आलोचना से निखार आएगा। ऐसी रचनाओं को और बेहतर एवं अर्थपूर्ण बनाने के लिए मुझे दोनों की जरूरत है।

अंदरूनी एहसासों का संग्रह
Inside Me, the collection of inner feelings

यह एक ऐसा मंच है, जहाँ आम जीवन की भावनात्मक घटनाओं को कविताओं में प्रस्तुत किया गया है। इस वेबसाइट पर प्रस्तुत सभी कविताएँ हमारे आस-पास के परिवेश से उत्पन्न हुई हैं, जो प्रत्येक व्यक्ति के अंदर की बातों को व्यक्त करने का प्रयास करती हैं। बहुत से लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते, जो उनके अंदर दबी रह जाती हैं। मैं उन्हीं जज़्बातों को अपनी कविताओं के माध्यम से सामने लाना चाहता हूँ। हिंदी भाषा में लिखी गई ये कविताएँ सरल और सामान्य बोलचाल की भाषा में प्रस्तुत की गई हैं। यकीन मानिए, कविताओं का यह संग्रह आपके अपने अंदरूनी एहसासों का प्रतिबिंब है, जिसे आर. पी. यादव ने शब्दों में चित्रित किया है।

आज-कल

Sunita Williams NASA

सुनीता विलियम्स कौन हैं?

सुनीता विलियम्स, भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, ने अंतरिक्ष में अपने अद्वितीय योगदान से पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। भारतीय जड़ों से जुड़े

और पढ़े »
छावा vicky kaushal

Film Review “Chhaava” : विक्की कौशल ने दिखाया संभाजी का असली रूप

हाल ही में रिलीज़ हुई ऐतिहासिक फिल्म “छावा” इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। दर्शकों की इस फिल्म में गहरी रुचि देखने को मिल रही है, और यह बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन भी कर रही है। आखिर इस फिल्म में क्या खास है ? क्या इसे देखना चाहिए या नहीं ? आपकी इस दुविधा को दूर करने के लिए प्रस्तुत है एक निष्पक्ष समीक्षा ।

और पड़ें »
Emergency 2025 Kangana Ranaut

फिल्म रिव्यू: “इमरजेंसी” (2025) : कंगना रनौत ने दिखाया इंदिरा गाँधी का रूप

हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म “इमरजेंसी” ने सिनेमा प्रेमियों के बीच खासा उत्साह पैदा किया है। यह फिल्म भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान 1975 में लगाए गए आपातकाल की पृष्ठभूमि पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन, लेखन और मुख्य भूमिका स्वयं कंगना रनौत ने निभाई है, जो इंदिरा गांधी के किरदार में नजर आती हैं।

और पड़ें »

मै कौन हूँ ?

मेरे बारे मे

आपका “Inside Me” में स्वागत है, जो एक डिजिटल कैनवास है। यहाँ उत्तर प्रदेश के लखनऊ निवासी आरपी यादव (RP Yadav) के लेंस के माध्यम से प्राकृतिक भावनाओं की तस्वीरें उभरती हैं। यह मंच काव्यात्मक अभिव्यक्तियों, मनोरम कहानियों और भावपूर्ण छवियों का अनूठा मिश्रण है। यहाँ आकर आप अपने आप से रूबरू होने का एहसास करेंगे।

और पड़ें »
निशान

निशान

अक्सर, 
एक निशान छोड़ जाता है वह,
मेरे निशान के आस पास,
पनपते रिश्तों पर एक भावपूर्ण कविता.

और पड़ें »
तुम एक ग्रंथ हो

तुम एक ग्रंथ हो

तुम एक ग्रंथ हो, जहां से कहानियां बहुत निकलतीं हैं. मैं उन कहानियों में उलझ जाता हूँ, तुम्हारे घर का रास्ता भूल जाता हूँ ,

और पड़ें »
तुम चोर हो, चोरी करते हो

तुम चोर हो, चोरी करते हो

आँखें खुली होतीं है तो सामने होते हो, जब बंद होती हैं तो पलकों के अन्दर होते हो, जब अकेली होती हूँ तो शरारत करते हो. तुम चोर हो, चोरी करते हो.

और पड़ें »

उपयोगी लिंक्स

Scroll to Top