INSIDE ME

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव

तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव

सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर

हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव

Author name: Insideme.in : RP Yadav

अक्सर

अक्सर

अक्सर,
हम अपनी बातों को उनसे कह नहीं पाते,
जब लम्हा कोई गुजरता है उनकी तस्वीर लिए,
आरजू उन्हें छूने की हम रोक नहीं पाते.
(मन की बातों को व्यक्त करना मुश्किल होता है )

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Poetry
एक दिन की जिन्दगी

एक दिन की जिंदगी

कभी-कभी पूरी ज़िंदगी एक ही दिन में गुजर जाती है. न जाने कितनी बातें, कितनी भावनाएँ, और कितनी उम्मीदें उस एक दिन में सिमट जाती हैं. यह कविता उसी लम्हे की बात करती है — जब समय थम जाता है, जब हर पल एक उम्र बन जाता है.

यह कविता उन अनकहे अहसासों को छूती है, जो हम रोज़ जीते हैं लेकिन कभी व्यक्त नहीं कर पाते.
यह एक ऐसा दिन है जो शायद सबसे ज़्यादा मायने रखता है.
आइए, इस कविता के माध्यम से उस एक दिन की जिंदगी को महसूस करें —
जिसने हमारी सोच को बदल दिया, और शायद हमें भी.

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