वजह क्या है ?
व्यक्ति के भविष्य का बदलाव उसके वर्तमान दिन के बदलाव पर निर्भर करता है. यह जानते हुए भी हम अपनी वर्तमान को बदल नहीं पाते है. इसका वजह क्या है ?
व्यक्ति के भविष्य का बदलाव उसके वर्तमान दिन के बदलाव पर निर्भर करता है. यह जानते हुए भी हम अपनी वर्तमान को बदल नहीं पाते है. इसका वजह क्या है ?
बंद आँखों और बेतरतीब बदन देखकर,
वह समझता है
मैं सो रही हूँ.
वह समझता है, मैं सो रही हूँ … Read More »
Poetryरविवार आने की उत्सुकता सबको रहती है. इस दिन समान्यतः मौज मस्ती और किसी से मिलने का वादा होता है. लेकिन रुकिए. आज शनिवार है एक दिन और इंतज़ार कीजिये.
आँखें खुली होतीं है तो सामने होते हो, जब बंद होती हैं तो पलकों के अन्दर होते हो, जब अकेली होती हूँ तो शरारत करते हो. तुम चोर हो, चोरी करते हो.
तुम चोर हो, चोरी करते हो Read More »
Poetryयह नफ़रत नही, एक सूरत है,
तुम्हारी नाराजगी मेरी जरूरत है…
यह कविता रिश्तों की उस अनकही सुंदरता को बयां करती है, जहाँ नाराज़गी भी ज़रूरत बन जाती है। यह दर्शाती है कि कभी-कभी रूठना, शिकायत करना और खफ़ा होना भी रिश्ते को गहराई देता है। यह सिर्फ दर्द नहीं, बल्कि भावनाओं को समझने और संजोने का एक अवसर होता है।
तुम्हारी नाराज़गी मेरी ज़रूरत है Read More »
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