वह कौन है ?
यह कविता समय के प्रवाह और आत्म-परिचय की खोज को बेहद संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत करती है। बीते वर्षों की एक तस्वीर, आज की आत्मा से सवाल करती है — “तुम कौन हो?”। यह कविता अतीत और वर्तमान के बीच संवाद, उलझन और आत्ममंथन का गहन चित्रण करती है। पहचान की तलाश में हम कैसे खुद से ही दूर हो जाते हैं, यही इसकी मूल भावना है।