INSIDE ME

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव

तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव

सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर

हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव

Author name: Insideme.in : RP Yadav

तुम्हारी नाराज़गी मेरी ज़रूरत है

तुम्हारी नाराज़गी मेरी ज़रूरत है

यह नफ़रत नही, एक सूरत है,
तुम्हारी नाराजगी मेरी जरूरत है…
यह कविता रिश्तों की उस अनकही सुंदरता को बयां करती है, जहाँ नाराज़गी भी ज़रूरत बन जाती है। यह दर्शाती है कि कभी-कभी रूठना, शिकायत करना और खफ़ा होना भी रिश्ते को गहराई देता है। यह सिर्फ दर्द नहीं, बल्कि भावनाओं को समझने और संजोने का एक अवसर होता है।

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Poetry
वह कौन है

वह कौन है ?

यह कविता समय के प्रवाह और आत्म-परिचय की खोज को बेहद संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत करती है। बीते वर्षों की एक तस्वीर, आज की आत्मा से सवाल करती है — “तुम कौन हो?”। यह कविता अतीत और वर्तमान के बीच संवाद, उलझन और आत्ममंथन का गहन चित्रण करती है। पहचान की तलाश में हम कैसे खुद से ही दूर हो जाते हैं, यही इसकी मूल भावना है।

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Poetry
वे बातें बहुत करते हैं

वे बातें बहुत करते हैं

यह व्यक्ति विशेष पर आधारित सेवा निवृति कर्मचारी के विदाई समारोह व्यक्त की गयी कविता. सेवा निवृत कर्मचारी ज्यादा बात करने के लिए बदनाम है.

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