हम कविता चुराते है.
हम कविता चुराते है,
गिरती हुई पलकों से,
जुबा की खामोशी और
आँखों की बोली से…
( चेहरे की भाषा से बनती एक खुबसूरत कविता )
हम कविता चुराते है. Read More »
Poetryहम कविता चुराते है,
गिरती हुई पलकों से,
जुबा की खामोशी और
आँखों की बोली से…
( चेहरे की भाषा से बनती एक खुबसूरत कविता )
हम कविता चुराते है. Read More »
Poetryकभी कभी,
बेवज़ह बातें हो जाती हैं,
जब दिल करता है जुड़ने का,
एक जरूरत निकल आती है…
( बेवजह बातों का भी कुछ वजह होता है. )
बेवजह बातें हो जाती हैं Read More »
Poetryजब दो दिलों के बीच भावनाएं एक सीमा से निकलती है तो बातों का सिलसिला शुरू होता है. कविता “आओ बात करें ” उसी का चित्रण है.