कोई होता है मेरे आस-पास...

अक्सर,
कोई होता है मेरे आस- पास
पर दिखाई नहीं देता,
खिचता है अपनी तरफ वह
किसी अदृश्य डोर से,
बदल जाती हैं दिशाएं
न जाने किस मोड़ से,
आवाज़ आती है उसकी
कुछ कहने की
इस शहर के शोर में
वो सुनाई नहीं देता,
अक्सर,
कोई होता है मेरे आस-पास
पर दिखाई नहीं देता….
कुछ अधूरा सा लगता है
हर वो लम्हा जिसमे
उसका आभास न हो,
कुछ खाली सा लगता है
हर वो महफ़िल जिसमे
उसकी आग़ाज न हो,
बेअर्थ हो जाती है सारी तैयारियाँ
जिसमे उनकी फरमाईस न हो,
हुआ करता है
कुछ संवाद हमारे बीच
नाज़ुक रिस्तो को लेकर,
समाधान किसी मोड़ पर
दिखाई नहीं देता,
अक्सर,
कोई होता है मेरे आस-पास
पर दिखाई नहीं देता…
★★★