INSIDE ME

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव

तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव

सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर

हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव

ख़ूबसूरत ठहराव

यह ख्वाब है, या वो ख़्वाब था, ये हक़ीक़त है, या वो हक़ीक़त था...

ख़ूबसूरत ठहराव

खुबसूरत ठहराव
स्रोत: इरिसेट सिकंदराबाद में 36 लोगों
के साथ 26 दिनों का प्रशिक्षण के दौरान
एक सुखद अनुभूति जो अब सपना और
अविश्वसनीय लगता है ।
(जुलाई 29-अगस्त 23, 2019)

यह ख्वाब है,
या वो ख़्वाब था
ये हक़ीक़त है,
या वो हक़ीक़त था
कल का जो आसियाना हमारा 
अब वो कहीं खो गया है कही,
कोई पूछता है मुझसे,
कल तक जिस शहर में तुम थे 
वो जमीं पर है
या कोई जन्नत का ठिकाना था …

कैसे समझाऊँगा 
इस जिद्दी दिल को
जो वापस जाने को तैयार नही,
कैसे मनाऊँगा अपने आप को
जो गाण्डीव उठाने को तैयार नही
कैसे लड़ूंगा अपने कर्मयुद्ध से,
जिसमे दोस्तों का साथ नही
अब तो उस शहर की
यादें ही अपनी दौलत है,
हम फिर मिलेंगे
जीवन के किसी मोड़ पर
यह उम्मीद उनके बदौलत है…

अब तो अपना दिल
उस शहर में भटक जाता है,
पलकों के साथ
हर दृश्य बदल जाता है
भाषाओं का संगम,
रंगों की रंगत,
चेहरों की आकृति,
व्यंजनों की प्रकृति,
भावनावों की अभिव्यक्ति,
एक ख़ूबसूरत ठहराव था वह,
अब ख़्वाब नजर आता है …

         ★★★

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top