सोचा था आज बात करेगे
सन्नाटों ने कहा है जो कुछ,
दीवारों ने सुना है जो कुछ,
उन बातों पर इकरार करेगें,
सोचा था आज बात करेंगे…
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Poetryसन्नाटों ने कहा है जो कुछ,
दीवारों ने सुना है जो कुछ,
उन बातों पर इकरार करेगें,
सोचा था आज बात करेंगे…
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Poetryआजकल के कुछ सुविधा संपन्न बच्चों के जीवन शैली पर आधारित और चिंतनीय प्रश्नों को उठाती कवितामय प्रस्तुति.
क्या यही जिन्दगी है ? Read More »
Poetryआज रात,
बर्षों बाद देखा था
उस चाँद को,
जिससे रिश्ता है
बचपन की यादों का,
अनोखा अनुभव है
साथ गुजरे रातों का..
(बचपन की यादों पर आधारित एक बेहद भावपूर्ण कविता)
ऐसा लगता है
ये कल की बात है,
गुज़रे ज़माने की नहीं,
ये तो सुबह की बात है …
उम्र की रफ़्तार को महसूस कराती कविता