जिन्दगी छोटी है
जिन्दगी छोटी है,
इसके बीच में छुपी जवानी,
और भी छोटी है.
कभी संभल जाती है
कभी फिसल जाती है,
मुठ्ठी की रेत है यह,
आहिस्ते से निकल जाती है…
जिन्दगी छोटी है,
इसके बीच में छुपी जवानी,
और भी छोटी है.
कभी संभल जाती है
कभी फिसल जाती है,
मुठ्ठी की रेत है यह,
आहिस्ते से निकल जाती है…