INSIDE ME

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव

तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव

सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर

हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव

वह समझता है, मैं सो रही हूँ …

बंद आँखों और बेतरतीब बदन देखकर, वह समझता है मैं सो रही  हूँ.

वह समझता है, मैं सो रही हूँ.

वह समझता है

हर रात, 
सोने से पहले,
कोई मिलता है मुझसे
और,
अनगिनत सवालों का
एक सूची थमा जाता है.
सपनें,
उन्ही सूचियों के वस्त्र पहनकर
रात भर डराते हैं
दर्द से जगाते हैं,
बंद आँखों और बेतरतीब बदन देखकर
वह समझता है
मैं सो रही  हूँ…
          …

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