वे बातें बहुत करते हैं ...

व्यक्ति विशेष पर आधारित
( श्री जे.वी.वी.एस.राव /पूर्व मंडल सिगनल एवं दूर संचार इजीनियर ,पूर्वोत्तर रेलवे, लखनऊ के सेवा निवृति पश्चात उनके विदाई समारोह के दौरान व्यक्त उनके व्यक्तित्व की एक झलक. वह ज्यादा बात करने के लिए मशहूर है . सहयोगी गण उनके बातों के डर से उनके सभी कार्य कर देते है. बहुत शालीन, सभ्य और लोकप्रिय व्यक्तित्व को समर्पित यह कविता )
लोग कहते हैं,
वे बातें बहुत करते हैं,
सुबह करते हैं, शाम को करते हैं
दिन में करते हैं, रात में करते हैं
जब भी उन्हें होती है जरुरत,
लोगों को याद करते हैं
वे बातें बहुत करते हैं…
सच यह भी है कि,
वो जो भी करते हैं, खुद के लिए नहीं,
औरों के लिए करते हैं
इस विभाग के लिए करते हैं
रेल के लिए करते हैं
देश के लिए करते हैं
फिर भी,
लोग कहते है कि
वे बाते बहुत करते हैं …
उस सख्स के बातों में
विशालता है,
कोशिशों और कर्मों में
निष्पक्षता है,
उनके बातों में शहद है और
भावों सरलता है
शब्दों में स्वाद और
प्रयासों में निरंतरता है,
हर क्षण की उपस्थिति है,
हर विषय की जानकारी है,
एक कार्य का समापन तो
दूसरे की तैयारी है,
बातों का प्रवाह हर पल चलता है,
धीमा ही सही असर भी होता है
वो तब भी जगते है
जब सारी दुनिया सोती है.
उनके दिन की शुरुआत
हमसे पहले होती है
वह दुश्मन से नही,
दोस्तों से डरते है
लोग कहते है कि
वे बाते बहुत करते हैं ….
बातें उनकी ताकत है
बातें उनकी दौलत है ,
बाते उनकी शोहरत है
बाते उनकी जीवन है
बाते उनकी साँसे है
बातें ही उनकी पहिचान है
बाते उनकी जान है
ये बातों की करिश्मा है
वो आज भी जवान हैं,
न हारे है न थके है,
न चिंतित न परेशान है
उनकी बातों में अदभुत प्यार है,
रेल ही उनका घर है
रेल ही संसार है
वो गिर कर भी संभलते हें
फिर भी लोग कहते है
वे बाते बहुत करते हैं …
हम आप को यू भुला न पाएंगे
बात चलेगी जब टेलीफोन की,
आप यू ही याद आ जायेगे,
ये वादा है कि अब,
आप से बातें न करने का
कोई बहाना नहीं बनायेगे,
जब भी बजेगी घंटी आप के नाम की
हम खुश होकर टेलीफोन उठाएगें
बातों की धारा में
समय सीमा भूल जायेगे
आप हमें याद बहुत आयेगें
हम आप को यू भुला नहीं पायेगे
आप
मिशाल है इंसानियत की
दिल से इकरार करते है,
धड़कन है रेल की
रेल से ही प्यार करते है,
लोग कहते है
वे बाते बहुत करते हैं ….
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