मेरा फ़िसल जाना ...

मेरा फ़िसल जाना,
उस बारिश का करतूत था
हवा का ऱुख, जमी की ढलान
और भीगीं सड़कें,
सब एक साथ थे,
उनके आगोस से निकल पाना
नियंत्रण से बाहर और पहुंच से दूर था
मेरा फ़िसल जाना,
कोई इत्तेफाक़ नही,
उस बारिश का करतूत था…
***
यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव
तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव
सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर
हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव
यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव
तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव
सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर
हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव
मेरा फ़िसल जाना,
उस बारिश का करतूत था
हवा का ऱुख, जमी की ढलान
और भीगीं सड़कें,
सब एक साथ थे,
उनके आगोस से निकल पाना
नियंत्रण से बाहर और पहुंच से दूर था
मेरा फ़िसल जाना,
कोई इत्तेफाक़ नही,
उस बारिश का करतूत था…
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