कुछ प्रश्न ?

कुछ प्रश्न
अनुत्तरित होते हैं।
शायद इसी में उनकी
महत्ता कायम रहती है,
सत्ता जीवित रहती है,
अस्तित्व सुरक्षित रहता है…
उत्तर देने से,
सिमट जाती है उसकी विशालता,
बिगड़ जाती है सुंदरता,
रह जाता है कुछ शेष,
बिखर जाता है अवशेष,
पूर्णता संदेहित हो जाती है,
वास्तविकता अधूरी रह जाती है…
और फिर,
कसक रह जाती है
अपूर्ण संवादों की,
अधूरी मुलाकातों की,
अर्धसत्य बातों की…
★★★