INSIDE ME

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव

तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव

सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर

हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव

कविता क्या है ?

"कविता क्या है?" — यह कविता दिल में दबी भावनाओं, अधूरे सपनों और जीवन की उलझनों को उजागर करती है। इसमें प्यार, तन्हाई, इंतज़ार और बेबसी की एक ऐसी परत दिखाई देती है, जो पाठक के मन को भीतर तक छू जाती है।

कविता क्या है ?

कविता कुछ और नहीं
दिल में दबी भावनाओं का ज्वार है,
परतंत्र घेरों में उत्पन्न
स्वतंत्र संबंधों की
अपरिपक्व दास्तान है…

प्यार के असंख्य शब्द
जिन्हें आवाज़ न मिल सकी,
जज़्बातों की लंबी कतारें
जिन्हें वक्त न मिल सका,
हसरतों की अधूरी सूची
जिन्हें ठहराव न मिल सका,
कविता कुछ और नहीं
इन्हीं हालातों से भरा
एक दर्द का सामान है…

उम्र के साथ-साथ
बढ़ती तन्हाइयाँ,
किसी के इंतज़ार में
उभरती परछाइयाँ,
शाम की आगोश में
सिमटती शहनाइयाँ,
कविता कुछ और नहीं
इन्हीं तस्वीरों का
सूखा हुआ रंग है…

उम्मीदों और ना-उम्मीदों के बीच
झूलती हुई ज़िंदगी,
कभी हाँ, कभी ना के फेरों में
उलझती आवारगी,
कशमकश के बोझ से
दबी हुई बेबसी,
कविता कुछ और नहीं
इन्हीं सामानों से बना
अरमानों का ताज है।
कविता कुछ और नहीं
दिल में दबी भावनाओं का ज्वार है…

           ★★★

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