राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी...
रामलाला के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर इस गीत ने पूरे देश में धूम मचा दिया है. ” राम आयेंगे तो अंगना सजाउंगी” एक भजन है और अयोध्या में भगवान राम के आगमन के समय का चित्रण प्रस्तुत करता है. आज के दौर में जब माडर्न जनरेशन अश्लील, कामुक, व्यर्थ विषयों पर बने गीतों पर पागल हुआ जा रहा है और भजन तो दूर पुरानी अर्थपूर्ण गीतों को भी पसंद नही करता, वही समाज इस गीत को बार बार सुन रहा है और गुन गुना रहा है.
यह गीत इस बात का प्रमाण है कि आज भी सुंदर भावों, शब्दों और कर्णप्रिय आवाज में बने गाने पसंद किए जा सकते है. इस गीत को लोकप्रिय बनाने में निश्चित रूप से बहुप्रतीक्षित अयोध्या मंदिर में भगवान रामलाला के प्राणप्रतिष्ठा का योगदान है. स्वयं प्रधान मंत्री द्वारा गाने की प्रशंसा से सोशल मीडिया पर यह भजन वायरल हो गयाहै. गीत के बोल, गायकी और मधुर आवाज लोकप्रियता का मुख्य कारण है.
कौन है गायक ?
इस गीत को बिहार प्रांत के एक छोटे शहर छपरा के रहने वाली स्वाति मिश्रा ने गाया है. स्वाति मिश्रा को बचपन से ही गाने का शौक है. उनके इस शौक को पूरा करने में उनके माता पिता का भरपूर सहयोग मिला है. हालांकि इस गीत को कुछ महीने पहले यूट्यूब पर लॉन्च कर चुकी है किंतु लोकप्रियता का शिखर 22 जनवरी को मिला. इस एक गीत ने स्वाति को उस ऊंचाई पर पहुंचा दिया जिसके लिए बहुतों को वर्षों का इंतजार करना पड़ता है. देश के प्रधान मंत्री द्वारा इस गीत की प्रशंसा के बाद तो जैसे पूरा देश इस भजन में डूब गया.’
गीत के लेखक कौन है ?
इस भजन के लेखक के बारे में अभी स्पष्ट नही है. कुछ स्रोतों के अनुसार इस भजन लेखक स्वर्गीय श्याम सुंदर शर्मा (पालम वाले) है, जिसमे राम के स्थान पर श्याम शब्द का प्रयोग किया गया था. देश के लोकप्रिय कथावाचक श्री प्रेम भूषण जी अक्सर इस भजन को अपनी आवाज में गातें है. स्वाति मिश्रा द्वारा श्याम के स्थान पर राम शब्द का प्रयोग किया गया है.
लेखक के संदर्भ में बॉलीवुड के सबसे चर्चित स्क्रिप्ट राइटर, लेखक और लिरिसिस्ट मनोज मुंतशिर का भी नाम लिया जा रहा हैं.
सुप्रसिद्ध कथावाचक श्री प्रेम भूषण जी द्वारा इस भजन को कई बार गाया गया है जिसे सुनकर स्वाति मिश्रा ने प्रभु राम के लिए इस भजन को समर्पित करने का निश्चय किया था.
क्या है इस भजन की खासियत ?
इस भजन में भगवान राम की अयोध्या में वापसी से प्रसन्न लोगों का चित्रण बहुत भावनात्मक तरीके से किया गया है. खुशियों के विभिन्न पारंपरिक पहलुओं को इस गीत के कई अंतरा के साथ जोड़ा गया है. अवधी हिंदी भाषा के शब्दों को स्वाति ने बेहतरीन अंदाज में गया है. स्टेज प्रोग्राम में गायकों द्वारा इसे कस्टमाइज कर अन्य कई भावों को जोड़ कर अलग अलग अंदाज में गाया जा रहा है जो श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर रहा है.
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