INSIDE ME

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव

तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव

सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर

हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव

मैं खुद को तुमसे जोड़ लूँगी

अगर बात नहीं कर सकते, तो कुछ शब्द छोड़ जाओ.
मैं खुद को तुमसे जोड़ लूँगी.
(एक बिछड़ते हुए प्रेमिका अपने प्रेमी से क्या कहती है इस भावुक कविता में पड़े.)

मैं खुद को तुमसे जोड़ लूँगी ...

अगर बात नही कर सकते

अगर बात नही कर सकते

तो कुछ शब्द छोड़ जाओ

मैं उन शब्दों से, 

अपने हिस्से का अर्थ निकाल लूँगी

गर शब्दों ने साथ नही दिया तो

अक्षरों से अर्थ निकाल लूँगी,

गर अक्षरों ने मुह मोड़ लिया तो

उनके आकृति से अर्थ निकाल लूँगी,

बात नही कर सकते, कोई बात नही

अपनी खामोशी छोड़ जाओ,

उन खामोशियों से अर्थ निकाल लूँगी

मैं खुद को तुमसे जोड़  लूँगी…

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