कविताएँ

इन कविताओं की उम्र
हमारी उम्र से कही लम्बी है,
मनोभावों से निर्मित
शब्दों की ये श्रृंखला,
पहाड़ों से भी ऊची और
समंदर से गहरी है …
— आर.पी. यादव
कविताएँ
मेरा मानना है कि कविताएँ, व्यक्ति के भावनाओं के अभिव्यक्ति का एक माध्यम है. ये भावनाएं शब्दों में, चित्रों में, विडियो में या अन्य किसी भी माध्यम में हो सकते है. जब व्यक्ति की भावनाएं शब्दों के माध्यम से एक विशेष विधा के अंतर्गत व्यक्त होती है तो ये कविता कहलाने लगतीं है.
भावनाएं केवल साहित्य के ज्ञानी लोगों में ही उत्पन्न होता है, ऐसी कोई शर्त नहीं है. हाँ, यह जरुर है कि ऐसे लोग अपनी अभिव्यक्ति को बेहतर साहत्यिक रूप में प्रस्तुत कर सकते है जिसके कारण उन्हें एक विशिष्ट पहिचान मिलती है. यह अलग बात है उनकी क्लिष्ट रचनाएँ आम व्यक्ति पढ़ नहीं पाता. इसका अर्थ यह नहीं कि सामान्य, अनपढ़ या कम पढ़े लिखे लोगों में भावनाओं का ज्वार नहीं उठता. तो फिर क्या करेंगे वे लोग जिन्हें भाषा नहीं आती लेकिन भावनाएं आती है. शायद वही जो मैंने यहाँ किया है जो कभी कभी कविता या कहानी जैसे लगते है.
निश्चित रूप से मेरे द्वारा लिखे गए इन शब्दों में साहित्यिक त्रुटि हो सकती है किन्तु व्यक्त भावनाएं त्रुटी रहित हैं. मेरे लिए भावों की प्रमुखता ज्यादा महत्वपूर्ण है. ये वही चित्र हैं जो अक्सर व्यक्ति के मन में उभरता है. कोई इसे बोल लेता है, कोई लिख लेता है और कोई इसे मन में दबा लेता है. यह जरुरी नहीं कि यहाँ प्रस्तुत रचनाएँ सभी को पसंद आयें लेकिन उन्हें जरुर पसंद आएँगी जिनकी भावनाएं मन में दबी हुयी है. ये रचनाएँ उन्ही के शब्द है.
यदि ये अभिव्यक्तियाँ आप की भावनाओं को व्यक्त कर रहीं है तो यह मेरे लिए पुरस्कार है. आप की प्रशंसा मुझे उर्जित करेगा और आलोचना से निखार आयेगा .
आर. पी. यादव