INSIDE ME

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव

तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव

सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर

हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव

कल के लिए परेशान हूं

मै आज के लिए नहीं, कल के लिए परेशान हू. वो कल, जब बुढापा बन कर आएगा, मुझे मेरी जवानी का एक तस्वीर दिखयेगा..

कल के लिए परेशान हूं

कल के लिए परेशान हू
मै आज के लिए नहीं,
कल के लिए परेशान हू 
वो कल,
जब बुढापा बन कर आएगा
मुझे मेरी जवानी का
एक तस्वीर दिखयेगा
वो पूछेगा मुझसे,
तुमने वो क्यो नही किया
जो तुम्हें आज तक तड़पता रहा
चोरी चोरी रुलाता रहा,
कहानियों और कविताओं में
किरदार बनकर कर आता रहा,
ख्वाबों और खयालों में
इशारों से बुलाता रहा
हर मोड़ पर हर छोर पर
कुछ निशान बनाता रहा
बादलों के पीछे
कई दृश्य दिखाता रहा …
 
अब मैं,
मंजिल से विचलित
एक भटका हुआ इंसान हूँ
अपने उपलब्धियों से अतृप्त और,
उसके सवालों से हैरान हूं
मै आज के लिए नही,
कल के लिए परेशान हूं…
       
               ***
 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top