बहुत मुश्किल होता है ...

बहुत मुश्किल होता है
कुछ कविताओं को समझ पाना,
विशेषकर,
कुछ उच्च महान, चर्चित
कवियों की कविताएं,
वह बहुत व्यक्तिगत होतीं है
इतनी कि सिर्फ कवि ही
अपनी कविताओं को महसूस कर पाता है
भावनाएं रेखाओं में नही बहतीं
किसी आकृति को नही बनातीं
बहकती रहती है,
हवाओं के बहाव में
इधर उधर बिखरतीं रहती है.
शाबासी मिलती है
वह कविता के भावों से नहीं,
शब्दों के प्रभावों से नही,
वह मिलती है
लेखक की प्रसिध्धि से
उपस्थिति की औपचारिकता से
संबंधों की विवसता से,
झूठी प्रशंसा से और,
पाठकों की सहनशीलता से…
मैं कितना सच हूँ,
मुझे पता नही
किन्तु बहुत मुश्किल होता है
कुछ शब्दों का भावार्थ निकलना
कुछ कहानियों को पढ़ना
कुछ कवितावों को समझना ….
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