INSIDE ME

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव

तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव

सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर

हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव

ऐ दिन

ऐ दिन,
आज सुबह ही तो खिले थे तुम, एक बच्चे की तरह.
शाम ढलते देखा था तुझे, बुजुर्गों की तरह.
(हर दिन हमारे सम्पूर्ण जीवन का प्रतिविम्ब है )

ऐ दिन ...

वो कल कब आयेगा ?
 
ऐ दिन,
आज सुबह ही तो खिले थे तुम
एक बच्चे की तरह.
दो पहर में मिले थे,
किसी युवा की तरह.
शाम ढलते देखा था तुझे,
बुजुर्गों की तरह.
आज रात चले जाओगे तुम
किसी मुसाफिर की तरह.
 
ऐ दिन,
तुम साथ चले  हो मेरे,
हमसफ़र की तरह,
तेरा गुजर जाना
भावुक करता है मुझे
एक दोस्त की तरह …
 
ऐ दिन,
मेरे साथ जीये हो तुम,
एक हमदर्द  की तरह
तुझसे बिछड़ जाना
भावुक करता है मुझे
जीवन साथी की तरह …
 
          ***
 
 
 
 

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