आज शनिवार है ...

पिछले कई दिनों से
आ रहा हूं तुम्हारे पास,
दूरी थोड़ी और है
दिखने लगा है अब वो गांव
जहाँ तुम्हारा घर है
दिन जो बुलाता है हर दफ़ा
साथ गुजारने को
वह तो रविवार है
ठहरो, इंतजार करो, श्रृंगार करो,
फासला अभी एक दिन का है
“आज शनिवार है “
◆◆◆