INSIDE ME

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

यात्रा तो शुरू करो, रास्ते मिल ही जायेंगें -- आर.पी.यादव

तुम्हारा हर एक दिन, एक जीवन के समतुल्य है -- आर.पी.यादव

सूर्यास्त होने तक मत रुको, चीजें तुम्हे त्यागने लगे, उससे पहले तुम्ही उन्हें त्याग दो -- रामधारी सिंह दिनकर

हर परिस्थिति में एक खुबसूरत स्थिति छुपी होती है --आर पी यादव

कुछ पुरुषों के अंदर

मुश्किल है चेहरे को समझना, किसी पहेली की तरह,
कुछ पुरुषों के अंदर, एक जानवर छुपा होता है, मगरमच्छ की तरह.
(यह कविता आदमी के अन्दर छुपे जानवर को दर्शाती है..)

कुछ पुरुषों के अंदर ...

कुछ पुरुषों के अंदर

( स्रोत : कुछ लोग ऐसे होते है जिन्हें देखकर अंदाजा लगना मुश्किल होता है की वास्तव में वे कितने खतरनाक है  )

कुछ पुरुषों के अंदर
एक जानवर छुपा होता है
मगरमच्छ की तरह,
निगाहे केंद्रित रहती है
किसी शिकार की तरफ
कब, किसे, कैसे,
निगल जाएगा वह,
यह अनिश्चित और अंजान है
किसी मौत की तरह
कुछ पुरुषों के अंदर
एक जानवर छुपा होता है
मगरमच्छ की तरह…

चेहरे की मासूमियत,
आंखों की चंचलता
हमदर्दी के चादर
सहयोग का सिलसिला
वक्त का उपयोग
ये कुछ औज़ार हैं,
किसी शिकार को
करीब लाने के लिए,
मुश्किल है चेहरे को समझना
किसी पहेली की तरह
कुछ पुरुषों के अंदर
एक जानवर छुपा होता है
मगरमच्छ की तरह…

वह भरोसे के काबिल है,
मेरे कदमों का साथी है
हर मोड़ का साक्षी है
वह फरिश्ता है
ये कुछ दाव हैं उसके
संबंधों के रास्ते करीब आने का
छुपा है एक दानव
मानव की भेष में
वह शांत है अभी
अवसर की तलाश में
किसी बाबा की तरह,
कुछ पुरुषों के अंदर
एक जानवर छुपा होता है
मगरमच्छ की तरह…
 
         ***

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